Saturday 18 October, 2014

लखनऊ में पीएसएफ और सेवा ने मनाया गर्ल्स डे

लखनऊ। सेवा और पीएसएफ ने यूनाइटेड़ नेशन के आह्वान पर इस बार भी इंटरनेशनल डे ऑफ दी गर्ल्स पूरे जोश के साथ मनाया। राजधानी लखनऊ के इरम डिग्री कॉलेज में आयोजित स्मार्ट एजुकेशन एण्ड वैलफेयर एसोसिएशन (रजि.) सेवा और परवेज़ सागर फॉउन्डेशन के समारोह में सैंकड़ों छात्राओं ने उत्साह के साथ भागेदारी की। इस मौके पर विधान सभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे।
इरम डिग्री कॉलेज के सभागार में आयोजित कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे और इरम ग्रुप के निदेशक फैज़ी युनुस ने दीप जलाकर किया। इस दौरान उनके साथ कॉलेज की प्रिंसिपल श्रीमती एएस खान और सेवा और पीएसएफ के संस्थापक परवेज़ सागर भी मौजूद थी। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुये कॉलेज की वरिष्ठ अध्यापिका अज़रा यासमीन ने सेवा और पीएसएफ के विषय में सभागार में मौजूद सभी छात्राओं और मेहमानों को जानकारी दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधान सभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने कहा कि यहां बच्चियों को बोलते देख कर अच्छा लगा क्योंकि आप अपनी बात को सबके सामने रख रही हैं। अब बालिकाओं के साथ होने वाली ज़्यादतियां नही चलेगी। उन्होने कहा कि जो हो रहा है उसकी वजह को देखना होगा। विकासशील देशों में ये फेज़ हमेशा नही रहता। जो क्राइम बालिकाओं और महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों का क्लास भी देखना चाहिये। उनकी हालात को भी देखना होगा। कानून बनाने से कुछ नही होगा। बात बनेगी जागरुकता से। सभी को मिलकर इस दिशा में काम करना होगा।
         विशेष अतिथि पूर्व पुलिस महानिदेशक एंव वरिष्ठ आईपीएस रिज़वान अहमद ने अपने सम्बोधन मे कहा कि लड़किया घर की ज़ीनत होती हैं। घर के माहौल को बनाने में महिलाओं और बच्चियों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसलिये आप लोगों को अपनी अहमियत को समझना होगा। आवाज़ उठायें और हल्ला बोलें लेकिन अपने माता-पिता की बात को समझें और उनकी रोकटोक को बंदिश ना समझकर अच्छे बुरे की पहचान करें। अगर आपके साथ बदसलूकी हो तो पहले आवाज़ उठायें। पहले घर में बतायें फिर पुलिस के पास जायें और अगर नही जाना चाहते तो 1090 पर कॉल करें। आपकी कॉल भी शिकायत के तौर पर दर्ज होती है।
          इरम एजुकेशनल सोसाइटी के निदेशक फैज़ी युनुस ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये 1090 की महत्ता पर तो ज़ोर दिया ही साथ ही उन्होने बालिकाओं की तालीम को तरजीह देने की बात कही। कई बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने वाले फैज़ी युनुस ने ईवटीज़िंग की एक घटना को ज़िक्र करते हुये बताया कि जब तक आप खुद ही अगर विरोध ही नही करते आवाज़ नही उठाते तो उनके हौंसले बुलंद होते हैं। इसकी शिकायत ना किये जाने की एक वजह पुलिस शिकायत के दौरान आने वाली परेशानी भी है। लेकिन आपको चुप्पी तोड़नी होगी और हल्ला बोलना होगा। फैज़ी युनुस ने सेवा और पीएसएफ से इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन ग्रामीण क्षेत्र के कॉलेजों में आयोजित करने की बात भी कही।
          सेवा की गर्ल राइट एम्बेसड़र और पत्रकार 
अर्चना यादव ने सेवा और पीएसएफ दो ऐसे गैर लाभकारी संगठन हैं जो बिना किसी आर्थिक सहायता के पांच सालों से महिलाओं और बच्चों के अधिकारों और उनकी शिक्षा के लिये काम कर रहे हैं। उन्होने बताया कि सेवा और पीएसएफ वर्ष 2012 से इंटरनेशनल डे आफ दी गर्ल्स पूरी दुनिया के साथ-साथ लगातार मनाती आ रही है। इस आयोजन

के माध्यम से ये कोशिश की जाती है कि बच्चियों के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने के लिये हम सब एक मंच पर आकर अपनी आवाज़ बुलंद करें। अर्चना ने अपने विस्तृत सम्बोधन में बालिकाओं के साथ होने वाले घरेलू अपराध, हिंसा, रेप और खासकर महिला और बच्चियों की तस्करी का मुद्दा पुरज़ोक तरीके से उठाया। उन्होने वहां मौजूद बालिकाओं से आह्वान किया कि वो चुप ना रहे अपने साथ होने वाली ज़्यादतियों के खिलाफ आवाज़ उठायें।
          समारोह की दौरान संचालन की कमान संभाल रहे सेवा के संस्थापक और वरिष्ठ टीवी पत्रकार परेवज़ सागर ने इंटरनेशनल डे ऑफ दी गर्ल्स के बारे में विस्तार से जानकारी तो दी ही साथ कार्यक्रम में मौजूद तीन सौ से ज़्यादा छात्राओं को चुप्पी तोड़ने और हल्ला बोलने का संकल्प कराया। हाल ही में बालिका अधिकारों पर आयोजित एक अर्न्तराष्ट्रीय सेमीनार में भारत का प्रतिनिधित्व कर लौटे परवेज़ सागर ने वहां मौजूद सभी लोगों को चुप्पी तोड़, हल्ला बोल के नारे भी लगवायें। उन्होने कहा कि आप लोगों के चुप रहने का दौर अब खत्म हो चुका है। अब बोलने की बारी है।
         इरम डिग्री कॉलेज की प्रिंसिपल श्रीमती एएस खान ने अपने सम्बोधन में लड़कों के समकक्ष लड़कियों के घटते लिंग अनुपात पर चिन्ता ज़ाहिर की। उन्होने कहा कि समाज और लोगों को अपनी सोच में बदलाव लाना चाहिये। ताकि महिलाओं को सम्मान देने वाले समाज का निर्माण हो सके।
         समारोह को सम्बोधित करने वालो में अर्पिता श्रीवास्तव और श्रीमती यासमीन के अलावा कॉलेज की छात्रा आरती जयसवाल, गर्विता सिंह और अंकिता के नाम भी शामिल थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता इरम ग्रुप के चेयरमैन ड़ॉ. ख्वाजा युनुस ने की। इससे पहले सेवा और पीएसएफ की और से स्वंयसेवी रमीज़ राजा, शेखर सक्सेना, शैफाली और सना ने अतिथियों को पौधे भेंट कर उनका स्वागत किया गया। आयोजन में श्रीमती निमिता शील, पवन शुक्ला, आयशा अब्बासी, उज़्मा रईस, अर्चना त्रिपाठी आदि अध्यपकों का विशेष सहयोग रहा।

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