Monday, 23 February 2015

बाल श्रम समाज के लिए शर्म की बात- परवेज़ सागर

भारत में एशियन गर्ल कैम्पेन के पार्टनर के तौर पर काम करने वाली प्रख्यात सामाजिक संस्था स्मार्ट एजुकेशन एण्ड वैलफेयर एसोसिएशन “सेवा और परवेज़ सागर फॉउन्डेशन पीएसएफ ने सेवा निशुल्क शिक्षा केन्द्र के छात्रों को बाल अधिकारों से अवगत कराया। महिलाओं और बच्चों के अधिकारों को लेकर पिछले छः वर्षों से सफलता पूर्वक कार्य करने वाली दोनों संस्थाओं ने अभिभवाकों से आह्वान किया कि वे अपनों बच्चों को उचित शिक्षा और पालन पोषण दें। ताकि उनका भविष्य उज्जवल और स्वस्थ हो।
पुराना कलसिया रोड स्थित सेवा निशुल्क शिक्षा केन्द्र परिसर में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम का शुभारम्भ बच्चों ने राष्ट्रगीत से किया। दिल्ली से आए सेवा और पीएसएफ के संस्थापक और जाने-माने टीवी पत्रकार परवेज़ सागर ने बच्चों के लिए किए जा रहे उनके प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के जिलों में बाल मजदूरी आज भी बदस्तूर जारी है। ऐसे में बच्चों के स्वस्थ भविष्य की कल्पना भी नहीं की जा सकती। ऐसे में सेवा और पीएसएफ राज्य के सभी जनपदों में जाकर बाल अधिकारों के प्रति लोगों को जागरूक करने की मुहीम चला रही है. सहारनपुर के अलावा आगरा, लखनऊ और बाराबंकी में बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। अब आगे फिरोजाबाद, मथुरा, उन्नाव में संस्था जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगी. उन्होंने बताया कि महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा के खिलाफ उनका अभियान चुप्पी तोड़, हल्ला बोल भी सफलता पूर्वक चल रहा है.
लखनऊ से आई सेवा की बालिका अधिकार दूत और पत्रकार अर्चना यादव ने कहा कि हम सभी को बच्चों और बालिकाओं के लिये नये सिरे से सोचने की ज़रुरत है। क्योंकि हमें लगता है कि वो घर में सुरक्षित हैं जबकि बच्चों और बालिकाओं के साथ सबसे ज़्यादा अपराध घरों में हो रहे हैं। अर्चना ने अपने सम्बोधन में कहा कि ज़रुरत इस बात की है कि हम जागरूकता की शुरुआत अपने घरों से करें। जब घर का माहौल और संस्कार ठीक होगें तभी अच्छे समाज का निर्माण होगा। बच्चों और नारी का सम्मान होगा। अर्चना यादव ने कहा कि सेवा और पीएसएफ ऐसे गैर लाभकारी संगठन हैं जो बिना किसी राजकीय आर्थिक सहायता के छः सालों से महिलाओं और बच्चों के अधिकारों और उनकी शिक्षा के लिये काम कर रहे हैं। अर्चना ने अपने सम्बोधन में बच्चों और बालिकाओं के साथ होने वाली हिंसा और बच्चों की तस्करी के मुद्दे को पुरज़ोर तरीके से उठाया। उन्होने वहां मौजूद बच्चों से आह्वान किया कि स्कूल जाना न छोड़ें।
सेवा की जनसम्पर्क अधिकारी नीना धींगरा ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि घर हो या स्कूल सभी जगहों पर बच्चों को बेहतर और सुरक्षित माहौल मिलना चाहिये क्योंकि ये उनका बुनियादी हक हैं। उन्होंने सभी वर्गों के बच्चों की शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा सभी बच्चों का अधिकार है. साथ ही अच्छा स्वासथ भी उनका संवैधानिक अधिकार है. लेकिन इन सबसे अंजान लोग बच्चों के साथ ज्यादती करते हैं. उनसे बालमजदूरी कराते हैं जो एक अपराध है. नीना ने बताया कि उनकी संस्था कई बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने का काम कर रही है। अब सेवा और पीएसएफ शिक्षा और बालअधिकार जागरुकता के कार्यक्रमों का आयोजन ग्रामीण क्षेत्रों में करने की योजना भी बना रही है। उन्होंने सभी अभिभावकों से बच्चों को स्कूल भेजने की अपील।
सेवा के समन्व्यक एम. तनवीर (मोनू) ने इस मौके पर बच्चों और बालिकाओं के लिए किए जा रहे कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं उन्हें बेहतर कल देना हमारा फर्ज है। ज़रूरत है इस बात कि हम सभी मिलकर उनके बेहतर कल की नीव रखें।
इससे पूर्व नीना धींगरा ने लखनऊ से आयी अतिथि अर्चना यादव को एक पौधा भेंट कर उनका स्वागत किया। इस दौरान जूडो एवं मार्शल आर्ट ट्रेनर महराब के छात्रों ने बच्चों को आत्मरक्षा के गुर भी सिखाए. सेवा निशुल्क शिक्षा केन्द्र के प्रबंधक एम. तबरेज ने अर्चना यादव समेत सभी मेहमानों का आभार जताया. इस अवसर पर आयशा, नम्रा, अरजान, इजान, तरूण कुमार, उम्रा, प्रवीन कुमार, अलका, तराना, अलकमा, मुस्कान, रिहान, हिमांशु, मनोज, मनीजत सिंह मन्नी, बिलाल, फारूख, तौसीफ आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। संचालन एम. तबरेज ने किया।