The Asian Girl
Campgain Partner in India and well known NPO Smart Education & Welfare
Association® SEWA and Parvez Sagar Foundation (PSF) Celebrate the Women’s Day
at Computer center, Chilkana Road, Saharanpur. On this occasion cordinator Mr.
Tanveer and PRO Mrs. Neena told importance of women’s day and women rights. Mr.
Tamveer said “Women and girls should be aware about their rights and education.”
PARVEZ SAGAR FOUNDATION, INDIA
Smart Education & Welfare Association (R) SEWA, India
Saturday, 7 March 2015
Monday, 23 February 2015
बाल श्रम समाज के लिए शर्म की बात- परवेज़ सागर
भारत में एशियन गर्ल कैम्पेन के पार्टनर
के तौर पर काम करने वाली प्रख्यात सामाजिक संस्था स्मार्ट एजुकेशन एण्ड वैलफेयर
एसोसिएशन “सेवा” और परवेज़ सागर फॉउन्डेशन “पीएसएफ” ने सेवा निशुल्क शिक्षा केन्द्र के
छात्रों को बाल अधिकारों से अवगत कराया। महिलाओं और बच्चों के अधिकारों को लेकर पिछले
छः वर्षों से सफलता पूर्वक कार्य करने वाली दोनों संस्थाओं ने अभिभवाकों से आह्वान
किया कि वे अपनों बच्चों को उचित शिक्षा और पालन पोषण दें। ताकि उनका भविष्य
उज्जवल और स्वस्थ हो।
पुराना कलसिया रोड स्थित सेवा निशुल्क
शिक्षा केन्द्र परिसर में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम का शुभारम्भ बच्चों ने
राष्ट्रगीत से किया। दिल्ली से आए सेवा और पीएसएफ के संस्थापक और जाने-माने
टीवी पत्रकार परवेज़ सागर ने बच्चों के लिए किए जा रहे उनके प्रयासों की चर्चा
करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के जिलों में बाल मजदूरी आज भी बदस्तूर जारी है। ऐसे
में बच्चों के स्वस्थ भविष्य की कल्पना भी नहीं की जा सकती। ऐसे में सेवा और
पीएसएफ राज्य के सभी जनपदों में जाकर बाल अधिकारों के प्रति लोगों को जागरूक करने
की मुहीम चला रही है. सहारनपुर के अलावा आगरा, लखनऊ और बाराबंकी में बड़े पैमाने
पर कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। अब आगे फिरोजाबाद, मथुरा, उन्नाव में संस्था
जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगी. उन्होंने बताया कि महिलाओं के प्रति होने वाली
हिंसा के खिलाफ उनका अभियान चुप्पी तोड़, हल्ला बोल भी सफलता पूर्वक चल रहा
है.
लखनऊ से आई सेवा की बालिका
अधिकार दूत और पत्रकार अर्चना यादव ने कहा कि हम सभी को बच्चों और बालिकाओं के
लिये नये सिरे से सोचने की ज़रुरत है। क्योंकि हमें लगता है कि वो घर में सुरक्षित
हैं जबकि बच्चों और बालिकाओं के साथ सबसे ज़्यादा अपराध घरों में हो रहे हैं।
अर्चना ने अपने सम्बोधन में कहा कि ज़रुरत इस बात की है कि हम जागरूकता की शुरुआत अपने
घरों से करें। जब घर का माहौल और संस्कार ठीक होगें तभी अच्छे समाज का निर्माण
होगा। बच्चों और नारी का सम्मान होगा। अर्चना यादव ने कहा कि सेवा और पीएसएफ ऐसे
गैर लाभकारी संगठन हैं जो बिना किसी राजकीय आर्थिक सहायता के छः सालों से महिलाओं
और बच्चों के अधिकारों और उनकी शिक्षा के लिये काम कर रहे हैं। अर्चना ने अपने
सम्बोधन में बच्चों और बालिकाओं के साथ होने वाली हिंसा और बच्चों की तस्करी के मुद्दे
को पुरज़ोर तरीके से उठाया। उन्होने वहां मौजूद बच्चों से आह्वान किया कि स्कूल
जाना न छोड़ें।
सेवा की जनसम्पर्क अधिकारी
नीना धींगरा ने
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि घर हो या स्कूल सभी जगहों पर बच्चों को बेहतर
और सुरक्षित माहौल मिलना चाहिये क्योंकि ये उनका बुनियादी हक हैं। उन्होंने सभी
वर्गों के बच्चों की शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा सभी बच्चों का अधिकार
है. साथ ही अच्छा स्वासथ भी उनका संवैधानिक अधिकार है. लेकिन इन सबसे अंजान लोग
बच्चों के साथ ज्यादती करते हैं. उनसे बालमजदूरी कराते हैं जो एक अपराध है. नीना
ने बताया कि उनकी संस्था कई बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने का काम कर रही है। अब
सेवा और पीएसएफ शिक्षा और बालअधिकार जागरुकता के कार्यक्रमों का आयोजन ग्रामीण
क्षेत्रों में करने की योजना भी बना रही है। उन्होंने सभी अभिभावकों से बच्चों को
स्कूल भेजने की अपील।
सेवा के समन्व्यक एम. तनवीर
(मोनू) ने इस मौके पर बच्चों और बालिकाओं के लिए किए जा रहे कार्यक्रमों के बारे
में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं उन्हें बेहतर कल
देना हमारा फर्ज है। ज़रूरत है इस बात कि हम सभी मिलकर उनके बेहतर कल की नीव रखें।
इससे पूर्व नीना धींगरा ने
लखनऊ से आयी अतिथि अर्चना यादव को एक पौधा भेंट कर उनका स्वागत किया। इस दौरान
जूडो एवं मार्शल आर्ट ट्रेनर महराब के छात्रों ने बच्चों को आत्मरक्षा के गुर भी
सिखाए. सेवा निशुल्क शिक्षा केन्द्र के प्रबंधक एम. तबरेज ने अर्चना यादव समेत सभी
मेहमानों का आभार जताया. इस अवसर पर आयशा, नम्रा, अरजान, इजान, तरूण कुमार, उम्रा,
प्रवीन कुमार, अलका, तराना, अलकमा, मुस्कान, रिहान, हिमांशु, मनोज, मनीजत सिंह
मन्नी, बिलाल, फारूख, तौसीफ आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। संचालन एम. तबरेज ने
किया।
Saturday, 18 October 2014
बालिकाऐं अपने अधिकारों के लिये चुप्पी तोड़ें- अर्चना
सहारनपुर। प्रदेश की प्रख्यात सामाजिक संस्था स्मार्ट एजुकेशन एण्ड वैलफेयर एसोसिएशन (रजि.) सेवा और परवेज़ सागर फॉउन्डेशन की गर्ल राइट एम्बेसड़र और युवा पत्रकार अर्चना यादव ने सहारनपुर पंहुच कर मुन्ना लाल डिग्री कॉलेज की छात्राओं से मुलाकात की।
अर्न्तराष्ट्रीय बालिका अधिकार सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली सेवा की गर्ल राइट एम्बेसड़र एंव पत्रकार अर्चना यादव ने मुन्ना लाल ङिग्री की छात्राओं से मुलाकात के दौरान संयुक्त राष्ट्र संघ के उन प्रयासों के विषय में बताया जो एशिया में बालिकाओं की स्थिति में सुधार लाने के लिए किये जा रहे हैं । उन्होने बताया कि बच्चियों के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने के लिये हम सब एक मंच पर आकर अपनी आवाज़ बुलंद करें। अर्चना ने अपने विस्तृत सम्बोधन में बालिकाओं के साथ होने वाले घरेलू अपराध, हिंसा, रेप और खासकर महिला और बच्चियों की तस्करी का मुद्दा उठाया। उन्होने वहां मौजूद बालिकाओं से आह्वान किया कि वो चुप ना रहे अपने साथ होने वाली ज़्यादतियों के खिलाफ आवाज़ उठायें। उन्होने कहा कि आप लोगों के चुप रहने का दौर अब खत्म हो चुका है। अब बोलने की बारी है।
सेवा के चुप्पी तोड़, हल्ला बोल कार्यक्रम को प्रमोट करने के लिये लखनऊ से आयी अर्चना यादव ने छात्राओं के सवालों के जवाब भी दिये। इस दौरान उन्होने यूपी पुलिस की 1090 सेवा के बारे में भी छात्राओं को बताया।
सेवा और पीएसएफ की पीआरओ श्रीमती नीना धींगरा ने छात्राओं को बताया कि सेवा और पीएसएफ दो ऐसे गैर लाभकारी संगठन हैं जो बिना किसी आर्थिक सहायता के पांच सालों से महिलाओं और बच्चों के अधिकारों के लिये काम कर रहे हैं। उन्होने कहा कि आज भी हमारे समाज में बाल विवाह के मामले उजागर होते रहते हैं जो आधुनिक युग में भी हमें सोचने के लिए मजबूर करते हैं। जरूरत आधुनिक पहनावे और परिवेश की ही नही बल्कि सोच बदलने की भी है।
जागरुकता कैम्पेन को सहारनपुर में संचालित कर रहे एम.तनवीर मोनू ने भी छात्राओं को अत्याचारों के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिये प्रेरित किया। उन्होने बताया कि हमारा ये अभियान पूरे प्रदेश में जारी रहेगा। हम अलग अलग जनपदों में जाकर बालिकाओं को जागरुक करने का काम करेंगे।
इस मौके पर मुन्ना लाल डिग्री कॉलेज में संचालित हेड्स टीसीआईएल प्रोजेक्ट इंजार्च शैली,कम्प्यूटर प्रशिक्षक हेमा शर्मा, सुषमा शर्मा के अलावा सुरैय्या, शिवांगी, रुकैय्या, पलक, शिवा,प्रीति रेशमा, प्रवीन, रितुल, अन्जली, रजनी, सायमा, समरीन, शाज़िया, अनु, वर्षा आदि छात्राओं की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
लखनऊ में पीएसएफ और सेवा ने मनाया गर्ल्स डे
लखनऊ। सेवा और पीएसएफ ने यूनाइटेड़ नेशन के आह्वान पर इस बार भी इंटरनेशनल डे ऑफ दी गर्ल्स पूरे जोश के साथ मनाया। राजधानी लखनऊ के इरम डिग्री कॉलेज में आयोजित स्मार्ट एजुकेशन एण्ड वैलफेयर एसोसिएशन (रजि.) सेवा और परवेज़ सागर फॉउन्डेशन के समारोह में सैंकड़ों छात्राओं ने उत्साह के साथ भागेदारी की। इस मौके पर विधान सभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे।
इरम डिग्री कॉलेज के सभागार में आयोजित कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे और इरम ग्रुप के निदेशक फैज़ी युनुस ने दीप जलाकर किया। इस दौरान उनके साथ कॉलेज की प्रिंसिपल श्रीमती एएस खान और सेवा और पीएसएफ के संस्थापक परवेज़ सागर भी मौजूद थी। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुये कॉलेज की वरिष्ठ अध्यापिका अज़रा यासमीन ने सेवा और पीएसएफ के विषय में सभागार में मौजूद सभी छात्राओं और मेहमानों को जानकारी दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधान सभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने कहा कि यहां बच्चियों को बोलते देख कर अच्छा लगा क्योंकि आप अपनी बात को सबके सामने रख रही हैं। अब बालिकाओं के साथ होने वाली ज़्यादतियां नही चलेगी। उन्होने कहा कि जो हो रहा है उसकी वजह को देखना होगा। विकासशील देशों में ये फेज़ हमेशा नही रहता। जो क्राइम बालिकाओं और महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों का क्लास भी देखना चाहिये। उनकी हालात को भी देखना होगा। कानून बनाने से कुछ नही होगा। बात बनेगी जागरुकता से। सभी को मिलकर इस दिशा में काम करना होगा।
विशेष अतिथि पूर्व पुलिस महानिदेशक एंव वरिष्ठ आईपीएस रिज़वान अहमद ने अपने सम्बोधन मे कहा कि लड़किया घर की ज़ीनत होती हैं। घर के माहौल को बनाने में महिलाओं और बच्चियों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसलिये आप लोगों को अपनी अहमियत को समझना होगा। आवाज़ उठायें और हल्ला बोलें लेकिन अपने माता-पिता की बात को समझें और उनकी रोकटोक को बंदिश ना समझकर अच्छे बुरे की पहचान करें। अगर आपके साथ बदसलूकी हो तो पहले आवाज़ उठायें। पहले घर में बतायें फिर पुलिस के पास जायें और अगर नही जाना चाहते तो 1090 पर कॉल करें। आपकी कॉल भी शिकायत के तौर पर दर्ज होती है।
इरम एजुकेशनल सोसाइटी के निदेशक फैज़ी युनुस ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये 1090 की महत्ता पर तो ज़ोर दिया ही साथ ही उन्होने बालिकाओं की तालीम को तरजीह देने की बात कही। कई बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने वाले फैज़ी युनुस ने ईवटीज़िंग की एक घटना को ज़िक्र करते हुये बताया कि जब तक आप खुद ही अगर विरोध ही नही करते आवाज़ नही उठाते तो उनके हौंसले बुलंद होते हैं। इसकी शिकायत ना किये जाने की एक वजह पुलिस शिकायत के दौरान आने वाली परेशानी भी है। लेकिन आपको चुप्पी तोड़नी होगी और हल्ला बोलना होगा। फैज़ी युनुस ने सेवा और पीएसएफ से इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन ग्रामीण क्षेत्र के कॉलेजों में आयोजित करने की बात भी कही।
सेवा की गर्ल राइट एम्बेसड़र और पत्रकार
इरम डिग्री कॉलेज के सभागार में आयोजित कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे और इरम ग्रुप के निदेशक फैज़ी युनुस ने दीप जलाकर किया। इस दौरान उनके साथ कॉलेज की प्रिंसिपल श्रीमती एएस खान और सेवा और पीएसएफ के संस्थापक परवेज़ सागर भी मौजूद थी। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुये कॉलेज की वरिष्ठ अध्यापिका अज़रा यासमीन ने सेवा और पीएसएफ के विषय में सभागार में मौजूद सभी छात्राओं और मेहमानों को जानकारी दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधान सभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने कहा कि यहां बच्चियों को बोलते देख कर अच्छा लगा क्योंकि आप अपनी बात को सबके सामने रख रही हैं। अब बालिकाओं के साथ होने वाली ज़्यादतियां नही चलेगी। उन्होने कहा कि जो हो रहा है उसकी वजह को देखना होगा। विकासशील देशों में ये फेज़ हमेशा नही रहता। जो क्राइम बालिकाओं और महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों का क्लास भी देखना चाहिये। उनकी हालात को भी देखना होगा। कानून बनाने से कुछ नही होगा। बात बनेगी जागरुकता से। सभी को मिलकर इस दिशा में काम करना होगा।
विशेष अतिथि पूर्व पुलिस महानिदेशक एंव वरिष्ठ आईपीएस रिज़वान अहमद ने अपने सम्बोधन मे कहा कि लड़किया घर की ज़ीनत होती हैं। घर के माहौल को बनाने में महिलाओं और बच्चियों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसलिये आप लोगों को अपनी अहमियत को समझना होगा। आवाज़ उठायें और हल्ला बोलें लेकिन अपने माता-पिता की बात को समझें और उनकी रोकटोक को बंदिश ना समझकर अच्छे बुरे की पहचान करें। अगर आपके साथ बदसलूकी हो तो पहले आवाज़ उठायें। पहले घर में बतायें फिर पुलिस के पास जायें और अगर नही जाना चाहते तो 1090 पर कॉल करें। आपकी कॉल भी शिकायत के तौर पर दर्ज होती है।
इरम एजुकेशनल सोसाइटी के निदेशक फैज़ी युनुस ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये 1090 की महत्ता पर तो ज़ोर दिया ही साथ ही उन्होने बालिकाओं की तालीम को तरजीह देने की बात कही। कई बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने वाले फैज़ी युनुस ने ईवटीज़िंग की एक घटना को ज़िक्र करते हुये बताया कि जब तक आप खुद ही अगर विरोध ही नही करते आवाज़ नही उठाते तो उनके हौंसले बुलंद होते हैं। इसकी शिकायत ना किये जाने की एक वजह पुलिस शिकायत के दौरान आने वाली परेशानी भी है। लेकिन आपको चुप्पी तोड़नी होगी और हल्ला बोलना होगा। फैज़ी युनुस ने सेवा और पीएसएफ से इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन ग्रामीण क्षेत्र के कॉलेजों में आयोजित करने की बात भी कही।
सेवा की गर्ल राइट एम्बेसड़र और पत्रकार
अर्चना यादव ने सेवा और पीएसएफ दो ऐसे गैर लाभकारी संगठन हैं जो बिना किसी आर्थिक सहायता के पांच सालों से महिलाओं और बच्चों के अधिकारों और उनकी शिक्षा के लिये काम कर रहे हैं। उन्होने बताया कि सेवा और पीएसएफ वर्ष 2012 से इंटरनेशनल डे आफ दी गर्ल्स पूरी दुनिया के साथ-साथ लगातार मनाती आ रही है। इस आयोजन
के माध्यम से ये कोशिश की जाती है कि बच्चियों के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने के लिये हम सब एक मंच पर आकर अपनी आवाज़ बुलंद करें। अर्चना ने अपने विस्तृत सम्बोधन में बालिकाओं के साथ होने वाले घरेलू अपराध, हिंसा, रेप और खासकर महिला और बच्चियों की तस्करी का मुद्दा पुरज़ोक तरीके से उठाया। उन्होने वहां मौजूद बालिकाओं से आह्वान किया कि वो चुप ना रहे अपने साथ होने वाली ज़्यादतियों के खिलाफ आवाज़ उठायें।
समारोह की दौरान संचालन की कमान संभाल रहे सेवा के संस्थापक और वरिष्ठ टीवी पत्रकार परेवज़ सागर ने इंटरनेशनल डे ऑफ दी गर्ल्स के बारे में विस्तार से जानकारी तो दी ही साथ कार्यक्रम में मौजूद तीन सौ से ज़्यादा छात्राओं को चुप्पी तोड़ने और हल्ला बोलने का संकल्प कराया। हाल ही में बालिका अधिकारों पर आयोजित एक अर्न्तराष्ट्रीय सेमीनार में भारत का प्रतिनिधित्व कर लौटे परवेज़ सागर ने वहां मौजूद सभी लोगों को चुप्पी तोड़, हल्ला बोल के नारे भी लगवायें। उन्होने कहा कि आप लोगों के चुप रहने का दौर अब खत्म हो चुका है। अब बोलने की बारी है।
इरम डिग्री कॉलेज की प्रिंसिपल श्रीमती एएस खान ने अपने सम्बोधन में लड़कों के समकक्ष लड़कियों के घटते लिंग अनुपात पर चिन्ता ज़ाहिर की। उन्होने कहा कि समाज और लोगों को अपनी सोच में बदलाव लाना चाहिये। ताकि महिलाओं को सम्मान देने वाले समाज का निर्माण हो सके।
समारोह को सम्बोधित करने वालो में अर्पिता श्रीवास्तव और श्रीमती यासमीन के अलावा कॉलेज की छात्रा आरती जयसवाल, गर्विता सिंह और अंकिता के नाम भी शामिल थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता इरम ग्रुप के चेयरमैन ड़ॉ. ख्वाजा युनुस ने की। इससे पहले सेवा और पीएसएफ की और से स्वंयसेवी रमीज़ राजा, शेखर सक्सेना, शैफाली और सना ने अतिथियों को पौधे भेंट कर उनका स्वागत किया गया। आयोजन में श्रीमती निमिता शील, पवन शुक्ला, आयशा अब्बासी, उज़्मा रईस, अर्चना त्रिपाठी आदि अध्यपकों का विशेष सहयोग रहा।
के माध्यम से ये कोशिश की जाती है कि बच्चियों के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने के लिये हम सब एक मंच पर आकर अपनी आवाज़ बुलंद करें। अर्चना ने अपने विस्तृत सम्बोधन में बालिकाओं के साथ होने वाले घरेलू अपराध, हिंसा, रेप और खासकर महिला और बच्चियों की तस्करी का मुद्दा पुरज़ोक तरीके से उठाया। उन्होने वहां मौजूद बालिकाओं से आह्वान किया कि वो चुप ना रहे अपने साथ होने वाली ज़्यादतियों के खिलाफ आवाज़ उठायें।
समारोह की दौरान संचालन की कमान संभाल रहे सेवा के संस्थापक और वरिष्ठ टीवी पत्रकार परेवज़ सागर ने इंटरनेशनल डे ऑफ दी गर्ल्स के बारे में विस्तार से जानकारी तो दी ही साथ कार्यक्रम में मौजूद तीन सौ से ज़्यादा छात्राओं को चुप्पी तोड़ने और हल्ला बोलने का संकल्प कराया। हाल ही में बालिका अधिकारों पर आयोजित एक अर्न्तराष्ट्रीय सेमीनार में भारत का प्रतिनिधित्व कर लौटे परवेज़ सागर ने वहां मौजूद सभी लोगों को चुप्पी तोड़, हल्ला बोल के नारे भी लगवायें। उन्होने कहा कि आप लोगों के चुप रहने का दौर अब खत्म हो चुका है। अब बोलने की बारी है।
इरम डिग्री कॉलेज की प्रिंसिपल श्रीमती एएस खान ने अपने सम्बोधन में लड़कों के समकक्ष लड़कियों के घटते लिंग अनुपात पर चिन्ता ज़ाहिर की। उन्होने कहा कि समाज और लोगों को अपनी सोच में बदलाव लाना चाहिये। ताकि महिलाओं को सम्मान देने वाले समाज का निर्माण हो सके।
समारोह को सम्बोधित करने वालो में अर्पिता श्रीवास्तव और श्रीमती यासमीन के अलावा कॉलेज की छात्रा आरती जयसवाल, गर्विता सिंह और अंकिता के नाम भी शामिल थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता इरम ग्रुप के चेयरमैन ड़ॉ. ख्वाजा युनुस ने की। इससे पहले सेवा और पीएसएफ की और से स्वंयसेवी रमीज़ राजा, शेखर सक्सेना, शैफाली और सना ने अतिथियों को पौधे भेंट कर उनका स्वागत किया गया। आयोजन में श्रीमती निमिता शील, पवन शुक्ला, आयशा अब्बासी, उज़्मा रईस, अर्चना त्रिपाठी आदि अध्यपकों का विशेष सहयोग रहा।
पीएसएफ और सेवा ने मनाया इंटरनेशनल डे ऑफ दी गर्ल्स
सहारनपुर। सेवा और पीएसएफ ने यूनाइटेड़ नेशन के आह्वान पर इस बार भी इंटरनेशनल डे आफ दी गर्ल्स पूरे जोश के साथ मनाया। स्मार्ट एजुकेशन एण्ड वैलफेयर एसोसिएशन (रजि.) सेवा और परवेज़ सागर फॉउन्डेशन के तत्वावधान में शहर के मुन्नालाल डिग्री कॉलेज में एक कार्यक्रम आयोजित कर बालिकाओं के अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर बात की गयी।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुये सेवा की पीआरओ नीना धींगरा ने बताया कि सेवा और पीएसएफ दो ऐसे गैर लाभकारी संगठन हैं जो बिना किसी आर्थिक सहायता के पांच सालों से महिलाओं और बच्चों के अधिकारों और उनकी शिक्षा के लिये काम कर रहे हैं। उन्होने बताया कि सेवा और पीएसएफ वर्ष 2012 से इंटरनेशनल डे आफ दी गर्ल्स पूरी दुनिया के साथ-साथ लगातार मनाती आ रही है। इस आयोजन के माध्यम से ये कोशिश की जाती है कि बच्चियों के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने के लिये हम सब एक मंच पर आकर अपनी आवाज़ बुलंद करें। नीना ने बालिकाओं से आह्वान करते हुये कहा कि वो अपने खिलाफ होने वाले अपराधों और अत्याचारों को सहने के बजाय आवाज़ उठायें ताकि लोगों तक उनकी आवाज़ पहुंचे और उन्हे उनका हक मिले।
श्रीमती धींगरा ने बताया कि एशियन गर्ल कैम्पेन पार्टनर होने के साथ-साथ उनकी संस्था सेवा और पीएसएफ निरन्तर महिलाओं और बालिकाओं के हक की आवाज़ उठाती रहेगी। उनके मुताबिक हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि ये है कि हम हम पिछले पांच सालों से निरन्तर बिना किसी सरकारी आर्थिक सहायता के शिक्षा, बालिका अधिकार और समाजसेवा के काम कर रहे हैं।
संस्था के कॉरडिनेटर एम. तनवीर “मोनू” ने कहा कि आज के समाज में ज़रुरत इस बात की है। महिलाओं और बच्चियों की इज्ज़त करना सीखाना घर से शुरु होना चाहिये। किसी भी काम की शुरुआत घर से ही होनी चाहिये। क्योंकि आज के समाज में बच्चियां घर में भी महफूज़ नही होती।
इस मौके पर मुन्ना लाल डिग्री कॉलेज की पीसीआईएल प्रोजेक्ट इंजार्च शैली, कम्प्यूटर प्रशिक्षक हेमा शर्मा, सुषमा शर्मा के अलावा सुरैय्या, शिवांगी, रुकैय्या, पलक, शिवा, प्रीति रेशमा, प्रवीन, रितुल, अन्जली, रजनी, सायमा, समरीन, शाज़िया, अनु, वर्षा आदि छात्रओं ने बढ़-चढ़ कर भागेदारी की।
Wednesday, 25 June 2014
सेवा एंव पीएसएफ ने लगाया पांच दिवसीय आधार कार्ड़ शिविर
सहारनपुर। शिक्षा और
समाजसेवा के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाने वाली सामाजिक संस्था स्मार्ट
एजुकेशन एण्ड वैलफेयर एसोसिएशन ‘सेवा’ और पीएसएफ ने शहर के बाहरी पिछड़े इलाकों में रहने वाले
लोगों के आधार कार्ड़ बनवाने का कार्य सफलता पूर्वक किया। संस्था ने अपने निशुल्क
शिक्षा केन्द्र पर आयोजित पांच दिवसीय शिविर में लगभग दो हज़ार शहरवासियों के आधार
कार्ड़ बनवाने के कार्य किया। संस्था के इस काम की शहरवासी जमकर तारीफ कर रहे हैं।
शहर के पुराने कलसिया रोड़
स्थित नमरा पब्लिक स्कूल में संचालित सेवा निशुल्क शिक्षा केन्द्र पर स्मार्ट
एजुकेशन एण्ड वैलफेयर एसोसिएशन ‘सेवा’ और पीएसएफ पांच दिवसीय आधार कार्ड़ शिविर के दौरान लगभग दो
हज़ार नागरिकों के कार्ड का पंजीकरण किया गया। संस्था की पीआरओ नीना और प्रबंधक
एम.तबरेज़ के मुताबिक पिछले कई दिनों से यहां नागरिक मांग कर रहे थे कि उनके आधार
कार्ड़ बनवायें जायें। पर उनकी कोई सुनवाई नही हुई। तब स्मार्ट एजुकेशन एण्ड
वैलफेयर एसोसिएशन ‘सेवा’ और पीएसएफ ने यहां रहने वाले लोगों के आधार कार्ड़ बनवाने
का निर्णय लिया। इसके लिये संस्था के पदाधिकारियों ने सम्बंधित अधिकारियों से
आग्रह कर खुद ही पांच दिवसीय शिविर आयोजन किया। पीआरओ नीना और प्रबंधक एम.तबरेज़
ने बताया कि शिविर से पहले सेवा और पीएसएफ के स्वंयसेवियों ने पुराना कलसिया रोड़,
कमला नगर, जैन बाग, चिलकाना रोड़ और कबीर नर्सरी के आस-पास को लोगों को शिविर में
आकर आधार कार्ड़ बनवाने के लिये जागरुक किया। उसी का परिणाम रहा कि शिविर में
सोमवार तक दो हज़ार से ज्यादा नागरिकों को आधार कार्ड़ के लिये पंजीकृत किया गया।
संस्था ने शिविर में ही कम्प्यूटर और कैमरा आदि की व्यवस्था कर आवेदकों की
फोटोग्राफी करवाई। शिविर के दौरान सभी वर्गों में खासा उत्साह देखने को मिला।
संस्था के समन्व्यक
एम.तनवीर ने बताया कि शिविर में अशिक्षित लोगों को संख्या अधिक होने की वजह से
सेवा और पीएसएफ के कई स्वंयसेवियों ने लोगों के आवेदन फार्म भरने का कार्य किया।
साथ ही नागरिकों को आधार कार्ड़ की महत्ता के बारे में भी बताया। शिविर में
महिलाओं को जागरुक करने का कार्य नमरा पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य श्रीमति
तरन्नुम जहां ने किया। श्री तनवीर के अनुसार सेवा और पीएसएफ संस्थाऐं वर्ष 2009 से
बिना किसी सरकारी आर्थिक सहायता के कार्य कर रही हैं। संस्थाओं ने महिलाओं को
रोजगार परक प्रशिक्षण दिलाने और असहाय, निर्धन बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिये
अभियान चला रखा है। इसके अतिरिक्त सेवा और पीएसएफ लगातार पर्यावरण और स्वास्थ
जागरुकता के कार्यक्रम भी कर रही है। संस्था के कार्यों से प्रभावित होकर कोरिया
और लंदन में काम करने वाली गैरसरकारी संस्था गार्ड़न ऑफ होप ने सेवा के कार्य की
सराहना की है। और बालिकाओं की शिक्षा और सुरक्षा को लेकर चलाये जा रहे अभियान में
सेवा और पीएसएफ को भारत में कैम्पेन पार्टनर भी बनाया है। यही नही सेवा अपने क्लॉथ
बैंक के माध्यम से निर्धनों का तन ढकने का काम भी कर रही है। उन्होने शिवीर को सफल
बनाने के लिये आधार कार्ड़ अधिकारी का आभार भी जताया।
शिविर के सफलता पूर्वक
आयोजन में आधार कार्ड़ अधिकारी महेन्द्र कुमार और बबलू सिंह के अलावा तनवीर अहमद,
श्रीमति बबली, प्रवीन, सादिक, श्रीमति असमा, महफूज़, विशाल कश्यप, सऊद खां आदि का
सहयोग रहा।
Monday, 4 November 2013
सेवा और पीएसएफ ने स्लम के बच्चों के साथ मनाई दिवाली
आगरा। स्मार्ट एजुकेशन एण्ड वैलफेयर एसोसिएशन ‘सेवा’ एंव पीएसएफ ने इस साल भी दिवाली का त्यौहार स्लम इलाके में रहने वाले बच्चों
के साथ मनाया। इस अवसर पर सेवा और पीएसएफ की ओर से इन बच्चों को मिठाई और खील
बताशे भी बांटे गये। साथ ही बच्चों को दिवाली का महत्व और इसे मनाने का कारण भी
बताया गया।
कमला नगर एच.आई.जी. फ्लैटस् के
पीछे बने स्लम में सैंकड़ों ऐसे बच्चे रहते हैं जो आर्थिक रुप से कमज़ोर परिवारों में
रहते हैं। इनमें से कई बच्चे तो ऐसे हैं जो स्कूल भी नही जा पाते हैं। स्मार्ट
एजुकेशन एण्ड वैलफेयर एसोसिएशन ‘सेवा’ एंव पीएसएफ हर साल इसी तरह के बच्चों के साथ दिवाली का पर्व मनाती आ रही है।
रविवार को सेवा और पीएसएफ के स्वंयसेवियों ने स्लम के इन बच्चों के साथ मिलकर
त्यौहार की खुशियां बांटी। सभी बच्चों को मिठाई और खील बताशे बांटे गये। इस मौके
पर सेवा और पीएसएफ के स्वंयसेवी ईशा और राजू ने विस्तार से बच्चों को दिवाली के
विषय में बताया। साथ ही बच्चों को शिक्षा पाने के लिये भी प्रोत्साहित किया।
एस.राजू ने जानकारी देते हुये बताया कि सेवा पिछले चार सालों से बिना किसी सरकारी
सहायता के समाजसेवा के कार्य कर रही है। जिनमें शिक्षा जागरुकता और बालिका बचाओ
अभियान खास है।
इस अवसर बच्चों के अलावा एस.
राजू, ईशा सचदेवा, रमीज़ राजा, धमेन्द्र सिंह और मोनू आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय
रही।
Friday, 11 October 2013
SEWA & PSF Celebrate Day of the Girls
Non-profit Organization Smart Education & Welfare Association® (SEWA) & Parvez Sagar Foundation, India celebrate the International Day of the Girls in Saharanpur (UP) of North India. SEWA & PSF, India organize a seminar and awareness event at Guru Nanak Girls Inter College, Gandhi Park, Saharanpur. Chief Guest Mrs. Vijyashri Shukla appreciates the work and efforts of SEWA and PSF India. Special guest Doctor Nutan Upadhyay gave the health tips to the students. International Judo Expert Deepak Gupta teach self defense techniques to the girls.
Coordinator Mr. Tanveer and PRO Neena Dhingra said “On December 19, 2011, the United Nations General Assembly adopted Resolution 66/170 to declare 11 October as the International Day of the Girl Child, to recognize girls’ rights and the unique challenges girls face around the world. For its second observance, this year’s Day will focus on “Innovating for Girls’ Education”.
The fulfillment of girls’ right to education is first and foremost an obligation and moral imperative. There is also overwhelming evidence that girls’ education, especially at the secondary level, is a powerful transformative force for societies and girls themselves: it is the one consistent positive determinant of practically every desired development outcome, from reductions in mortality and fertility, to poverty reduction and equitable growth, to social norm change and democratization.
While there has been significant progress in improving girls’ access to education over the last two decades, many girls, particularly the most marginalized, continue to be deprived of this basic right. Girls in many countries are still unable to attend school and complete their education due to safety-related, financial, institutional and cultural barriers. Even when girls are in school, perceived low returns from poor quality of education, low aspirations, or household chores and other responsibilities keep them from attending school or from achieving adequate learning outcomes. The transformative potential for girls and societies promised through girls’ education is yet to be realized.
Recognizing the need for fresh and creative perspectives to propel girls’ education forward, the 2013 International Day of the Girl Child will address the importance of new technology, but also innovation in partnerships, policies, resource utilization, community mobilization, and most of all, the engagement of young people themselves.”
Finely Tanveer and Neena gave thanks to college Principal Mrs. Balvindra Kaur and vice Principal Suman Chawla. On this occasion Mrs. Neera Garg, Awaneet Kaur, Tajwar, Diksha, Priya Naini and 150 girls students was present in the event.
Coordinator Mr. Tanveer and PRO Neena Dhingra said “On December 19, 2011, the United Nations General Assembly adopted Resolution 66/170 to declare 11 October as the International Day of the Girl Child, to recognize girls’ rights and the unique challenges girls face around the world. For its second observance, this year’s Day will focus on “Innovating for Girls’ Education”.
The fulfillment of girls’ right to education is first and foremost an obligation and moral imperative. There is also overwhelming evidence that girls’ education, especially at the secondary level, is a powerful transformative force for societies and girls themselves: it is the one consistent positive determinant of practically every desired development outcome, from reductions in mortality and fertility, to poverty reduction and equitable growth, to social norm change and democratization.
While there has been significant progress in improving girls’ access to education over the last two decades, many girls, particularly the most marginalized, continue to be deprived of this basic right. Girls in many countries are still unable to attend school and complete their education due to safety-related, financial, institutional and cultural barriers. Even when girls are in school, perceived low returns from poor quality of education, low aspirations, or household chores and other responsibilities keep them from attending school or from achieving adequate learning outcomes. The transformative potential for girls and societies promised through girls’ education is yet to be realized.
Recognizing the need for fresh and creative perspectives to propel girls’ education forward, the 2013 International Day of the Girl Child will address the importance of new technology, but also innovation in partnerships, policies, resource utilization, community mobilization, and most of all, the engagement of young people themselves.”
Finely Tanveer and Neena gave thanks to college Principal Mrs. Balvindra Kaur and vice Principal Suman Chawla. On this occasion Mrs. Neera Garg, Awaneet Kaur, Tajwar, Diksha, Priya Naini and 150 girls students was present in the event.
Friday, 10 May 2013
SEWA Excellence Awards 2013
Smart Education
& Welfare Association (Reg.) SEWA and PSF India organized first state
level SEWA Excellence Awards 2013 on 8th of May 2013 at Convention center,
Hotel Amar, Agra. SEWA & PSF Awarded many personalities for excellence work
in their own filed. Hon,ble cabinet minister of uttar pradesh Mr. Raja Mahendra
Aridaman Singh was the chief Guest of this wonderful event. SEWA & PSF also
held a seminar on the topic of "Agra- My City, My responsibility"
after award ceremony.
SEWA felicitate SSP Agra Mr. Subhasha Chandra Dubey (IPS),
SP City Agra Mr. Pawan Kumar (IPS), DSP Hariparvat Sameer Saurabh (PPS), Wing
Commander Rommen Luke (Hyderabad), VC of ADA Ajay Chauhan (IAS), DM Agra Mr.
Zuhair Bin Sagheer (IAS), Child Specialist Dr. Nikhil Chaturvedi, Mr. Anwar Ali
(Zee Salaam, Noida), M.Tanveer (Saharanpur), Young Politician Chaudhry Wajid
Nisar, Eminent Shoe Exporter Mr. Nazeer Ahmad & Mr. Puran Dawar,
Educationist Dr. YK Gupta., Street Food Expert Mr. Himanshu Sachdeva, Photo
Journalist Ms. Rubab Baig, Creative Head of Bala Films Ms. Teena Mehta. Eminent
CA Mr. Sarvesh Bajpai, Eminent Journalist of WUP & UK Mr. Saleem Saifi,
Business Journalist Mr. Ashok Tiwari (New Delhi).
Friday, 22 March 2013
SEWA Celebrate World Water Day 2013
Well-known
social organization Smart Education & Welfare Association® ‘SEWA’ and PSF celebrate
World Water Day on Friday in Saharanpur city of Uttar Pradesh. Volunteers of
SEWA & PSF organized a water conservation awareness rally with the students
of SEWA free education center. All
students had water awareness posters in their hands in rally. This event took
place at hasan colony, old kalsiya Road. In the rally PRO Neena Dhingra, Manager
of SEWA Free education center Mohd. Tabrez and center Head Mrs. Tarrnum Janha
were present with students.
Water resources are under increasing pressure in many parts
of the world, and Asia is no exception. We must improve the way we use and
manage our water resources if we are to continue to benefit from the vital
services our water ecosystems provide.
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